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भगवती मूत्र-श. २५ उ. ', आवलिका यावत् पुद्गल-परिवर्तन के समय
३३४१ ।
१३ प्रश्न-आणापाणू णं भंते ! किं संखेजाओ आवलियाओपुच्छा ।
१३ उत्तर-गोयमा ! सिय संखेजाओ आवलियाओ, सिय असंखेजाओ, सिय अणंताओ। एवं जाव सीसपहेलियाओ।
भावार्थ-१३ प्रश्न-हे भगवन् ! आनप्राण संख्यात आवलिका के हैं. ?
१३ उत्तर-हे गौतम ! कदाचित् संख्यात आवलिका, असंख्यात आवलिका और कदाचित् अनन्त आवलिका के हैं। इस प्रकार यावत् शीर्षप्रहेलिका तक।
___१४ प्रश्न-पलिओवमा णं-पुच्छा।
१४ उत्तर-गोयमा ! णो संखेजाओ आवलियाओ, सिय असंखेजाओ आवलियाओ, सिय अणंताओ आवलियाओ। एवं जाव उस्सप्पिणीओ।
भावार्थ-१४ प्रश्न-हे भगवन् ! पल्योपम संख्यात आवलिका के हैं. ?
१४ उत्तर-हे गौतम ! संख्यात आवलिका के नहीं है, किन्तु कदाचित असंख्यात आवलिका और कदाचित् अनन्त आवलिका रूप हैं । इस प्रकार यावत् उत्सर्पिणी पर्यंत ।
१५ प्रश्न-पोग्गलपरियट्टा णं-पुच्छा ।
१५ उत्तर-गोयमा ! णो संखेनाओ आवलियाओ, णो असंखेजाओ आवलियाओ, अणंताओ आवलियाओ।
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