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________________ भगवती सूत्र-श. २५ उ. ५ आवलिका यावत् पुद्गल-परिवर्तन के समय ३३३९ भावार्थ-६ प्रश्न-हे भगवन ! आवलिकाएँ संख्यात समय की हैं. ? ६ उत्तर-हे गौतम ! आवलिकाएँ संख्यात समय की नहीं, कदाचित् असंख्यात समय और कदाचित् अनन्त समय की होती हैं । ७ प्रश्न-आणापाणू णं भंते ! किं संखेज्जा समया ३ ? ७ उत्तर-एवं चेव । भावार्थ-७ प्रश्न-हे भगवन् ! आनप्राण संख्यात समय के हं० ? ७ उत्तर-हे गौतम ! पूर्ववत् । ८ प्रश्न-थोवा णं भंते ! किं संखेजा समया ३ ? ८ उत्तर-एवं चेव । एवं जाव 'ओसप्पिणीओ ति । भावार्थ-८ प्रश्न-हे भगवन् ! स्तोक संख्यात समय रूप हैं. ? ८ उत्तर-हे गौतम ! पूर्ववत् । इसी प्रकार यावत् अवसर्पिणी काल तक। ... ९ प्रश्न-पोग्गलपरियट्टा णं भंते ! किं संखेजा समया-पुच्छा। __ ९ उत्तर-गोयमा ! णो संखेना समया, णो असंखेजा समया, अणंता समया। भावार्थ-९ प्रश्न-हे भगवन् ! पुद्गल-परिवर्तन संख्यात समय० ? ९ उत्तर-हे गौतम ! संख्यात समय का नहीं और असंख्यात समय का भी नहीं, किन्तु अनन्त समय का है। १० प्रश्न-आणापाणूणं भंते ! किं संखेजाओ आवलियाओपुच्छा । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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