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________________ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ४ पुद्गल सकम्प - निष्कम्प १०५ प्रश्न - परमाणुपोग्गले णं भंते ! सव्वेए कालओ केवचिरं होइ ? ३३२० १०५ उत्तर - गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजइभागं । भावार्थ - १०५ प्रश्न - हे भगवन् ! परमाणु- पुद्गल सर्व कम्पक कितने काल तक रहता है ? १०५ उत्तर - हे गौतम! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्यातवें भाग तक । १०६ प्रश्न - णिरेए कालओ केवचिरं होइ ? १०६ उत्तर - गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं, उनकोसेणं असंखेजं कालं । भावार्थ - १०६ प्रश्न - हे भगवन् ! परमाणु- पुद्गल निष्कम्पक कितने काल तक रहता है ? १०६ उत्तर - हे गौतम! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट असंख्यात काल तक । १०७ प्रश्न - दुपएसए णं भंते! खंधे देसेए कालओ केवचिरं होइ ? १०७ उत्तर - गोयमा ! जहणेणं एवकं समयं उनकोसेणं आवलियाए असंखेजड़भागं । " भावार्थ - १०७ प्रश्न - हे भगवन् ! द्विप्रवेशी स्कन्ध देश कम्पक कितने काल तक रहता है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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