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भगवती सूत्र-श. २५ उ. ४ पुद्गल सकम्प-निष्कम्प
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१०७ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्यातवें भाग तक।
१०८ प्रश्न-सव्वेए कालओ केवचिरं होइ ?
१०८ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं · समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजइभागं ।
भावार्थ-१०८ प्रश्न-हे भगवन् ! द्विप्रदेशी स्कन्ध सर्व-कम्पक कितने काल तक रहता है ?
___ १०८ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट आवलिका .' के असंख्यातवें भाग तक।
१०९ प्रश्न-णिरेए कालओ केवचिरं होइ ?
१०९ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं । एवं जाव अणंतपएसिए ।
. भावार्थ-१०९ प्रश्न-हे भगवन् ! द्विप्रदेशी स्कन्ध निष्कम्पक कितने काल तक रहता है ?
१०९ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट असंख्यात काल तक निष्कम्पक रहता है । इसी प्रकार यावत् अनंत प्रदेशी स्कन्ध तक ।
___ ११० प्रश्न-परमाणुपोग्गला णं भंते ! सव्वेया कालओ केवचिरं होंति ?
११० उत्तर-गोयमा ! सव्वद्धं ।
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