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________________ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ४ पुद्गल सकम्प-किम्प भावार्थ - ९७ प्रश्न - हे भगवन् ! सकम्प परमाणु- पुद्गलों का अन्तर कितने काल का होता है ? ९७ उत्तर - हे गौतम ! अन्तर नहीं होता । प्रश्न - हे भगवन् ! निष्कम्प परमाणु- पुद्गलों का अन्तर कितने काल का होता है ? उत्तर र - हे गौतम ! अन्तर नहीं होता। इस प्रकार यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध पर्यंत । ३३१५ ९८ प्रश्न - एसि णं भंते ! परमाणुपोग्गला णं सेयाणं णिरेयाण य करे करेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? ९८ उत्तर - गोयमा ! सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सेया, णिरेया असंखेज्जगुणा, एवं जाव असंखेज्जपरमियाणं खंधाणं । भावार्थ - ९८ प्रश्न - हे भगवन् ! पूर्वोक्त सकम्प और निष्कम्प परमाणुपुद्गलों में कौन किनसे यावत् विशेषाधिक होते हैं ? ९८ उत्तर - हे गौतम ! सकम्प परमाणु-पुद्गल सब से थोड़े होते हैं और निष्कम्प परमाणु- पुद्गल असंख्यात गुण होते हैं । इस प्रकार यावत् असंख्यात प्रदेशी स्कन्ध तक । ९९ प्रश्न - एएसि णं भंते ! अनंतपए सियाणं वधाणं सेयाणं, णिरेयाण य कयरे कयरे० जाव विसेसाहिया वा ? ९९ उत्तर - गोयमा ! सव्वत्थोवा अणतपरसिया खंधा णिरेया, या अनंतगुणा । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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