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________________ ३३१२ भगवती सूत्र-श. २५ उ. ४ पुद्गल सकम्प-निष्कम्प खेनं काल । एवं जाव अणंतपएसिए । भावार्थ-९१ प्रश्न-हे भगवन् ! परमाणु-पुद्गल निष्कम्प कितने काल तक रहता है ? ९१ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट असंख्यात काल तक निष्कम्प रहता है । इस प्रकार यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध तक । ९२ प्रश्न-परमाणुपोग्गला णं भंते ! सेया कालओ केवचिरं होति ? ९२ उत्तर-गोयमा ! सव्वद्धं । भावार्थ-९२ प्रश्न--हे भगवन् ! परमाणु-पुद्गल (बहुत) कितने काल तक सकम्प रहते हैं ? ९२ उत्तर-हे गौतम ! सदाकाल सकम्प रहते हैं । .९३ प्रश्न-परमाणुपोग्गला णं भंते ! णिरेया कालओ केवचिरं होति ? ___९३ उत्तर-गोयमा ! सव्वद्धं । एवं जाव अणंतपएसिया । भावार्थ-९३ प्रश्न-हे भगवन् ! परमाणु-पुद्गल (बहुत) निष्कम्प कितने काल तक रहते हैं ? ९३ उत्तर-हे गौतम ! सदाकाल निष्कम्प रहते है । इस प्रकार यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध पर्यंत । ९४ प्रश्न-परमाणुपोग्गलस्स णं भंते ! सेयस्स केवइयं कालं अंतरं होइ ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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