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________________ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ४ पुद्गल सकम्प - निष्कम्प भावार्थ - ८८ प्रश्न - हे भगवन् ! परमाणु- पुद्गल सकम्प है या निष्कम्प ? ८८ उत्तर--हे गौतम । कदाचित् सकम्प और कदाचित् निष्कम्प है । इस प्रकार यावत् अनन्त प्रदेशो स्कन्ध तक जानना चाहिये । ८९ प्रश्न - परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं सेया, णिरेया ? ८९ उत्तर--गोयमा ! सेया विणिरेया वि । एवं जाव अनंत-पएसिया । ३३११ भावार्थ -- ८९ प्रश्न --हे भगवन् ! परमाणु-पुद्गल (बहुत) सकम्प होते हैं या निष्कम्प ? ८९ उत्तर - हे गौतम! सकम्प भी होते हैं और निष्कम्प भी । इसी प्रकार यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध तक । ९० प्रश्न - परमाणुपोग्गले णं भंते ! सेए कालओ केवचिरं होइ ? ९० उत्तर - गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उनकोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं । भावार्थ - ९० प्रश्न - हे भगवन् ! परमाणु- पुद्गल सकम्प कितने काल तक रहता है ? ९० उत्तर - हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्यातवें भाग तक सकम्प रहता है । ९१ प्रश्न - परमाणुपोग्गले णं भंते! णिरेए कालओ केवचिरं होइ ? Jain Education International ९१ उत्तर - गोयमा ! जहणेणं एवकं समयं, उनकोसेणं असं For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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