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भगवती सूत्र २५ ८ परमाणु आदि का अल्पबहुत
याए, संखेजगुणकक्खडा पोग्गला वट्टयाए संखेजगुणा, असंखेजगुणक+खडा पोग्गला दव्वटुयाए असंखेजगुणा, अनंतगुणकवखडा पोग्गला दव्वट्टयाए अनंतगुणा, परसट्टयाए एवं चेव, णवरं संवेजगुणकाखडा पोग्गला पसट्टयाए असंखेज्जगुणा, सेमं तं चैव । दवस या सव्वत्थोवा एगगुणक+खडा पोग्गला दष्वट्टपणसट्टयाए, संखेज गुणकक्खडा पोग्गला दब्वट्टयाएं संखेजगुणा, ते व पट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेजगुणक+खडा दव्वटुयाए असंखेजगुणा, ते चैव परसट्टयाए असंखेजगुणा, अनंतगुणकाखडा दव्वट्टयाए अनंतगुणा, ते चैव पट्टयाए अनंतगुणा । एवं मउय. गरुय-लहुयाण वि अप्पाबहुयं । सीय-उसिणणिद्ध-लुक्खाणं जहा वण्णा तहेव ।
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भावार्थ - ५८ प्रश्न - हे भगवन् ! एक गुण कर्कश, संख्यात गुण कर्कश, . असंख्यात गुण कर्कश और अनन्त गुण कर्कश पुद्गलों में द्रव्यार्थ प्रदेशार्थ और द्रव्यार्थ प्रदेशार्थ से कौन पुद्गल किन पुद्गलों से यावत् विशेषाधिक हैं ?
५८ उत्तर - हे गौतम ! एक गुण कर्कश पुद्गल द्रव्यार्थ से सब से थोड़े हैं। उनसे संख्यात गुण कर्कश पुद्गल द्रव्यार्थ से संख्यात गुण हैं। उनसे असंख्यात गुण कर्कश पुद्गल द्रव्यार्थ से असंख्यात गुण हैं। उनसे अनन्त गुण कर्कश पुद्गल द्रव्यार्थ से अनन्त गुण हैं । प्रदेशार्थं से भी इसी प्रकार समझना चाहिये, परन्तु संख्यात गुण कर्कश पुद्गल, प्रदेशार्थ से असंख्यात गुण हैं । शेष पूर्ववत् । द्रव्यार्थ प्रदेशार्थ से एक गुण कर्कश पुद्गल द्रव्यार्थ प्रवेशार्थ से सब से थोड़े हैं। उनसे संख्यात गुण. कर्कश पुद्गल द्रव्यार्थ से संख्यात गुण हैं ।
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