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________________ ३२८६ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ४ परमाणु आदि का अल्प- बहुत्व ४३ उत्तर - हे गौतम ! त्रिप्रदेशी स्कन्धों से द्विप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से बहुत हैं । इस गमक (पाठ) से यावत् दस प्रवेशी स्कन्धों से नव प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से बहुत हैं । ४४ प्रश्न - एसि णं भंते ! दसपएसिए० - पुच्छा ? ४४ उत्तर - गोयमा ! दसपए सिहिंतो खंधेर्हितो संखेज पए सिया खंधा वट्टयाए बहुया । भावार्थ - ४४ प्रश्न - हे भगवन् ! दस प्रदेशी स्कन्धों से० ? ४४ उत्तर - हे गौतम! दस प्रदेशी स्कन्धों से संख्यात प्रदेशी स्कन्ध वयार्थ से बहुत हैं । ४५ प्रश्न - एएसि णं भंते ! संखेज० - पुच्छा ? ४५ उत्तर - गोयमा ! संखेजपरसिप हिंतो खंधेहिंतो असंखेज परसिया खधा वट्टयाए बहुया । भावार्थ - ४५ प्रश्न - हे भगवन् ! संख्यात प्रदेशी स्कन्धों से० ? ४५ उत्तर - हे गौतम! संख्यात प्रदेशी स्कन्धों से असंख्यात प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से बहुत हैं । Jain Education International ४६ प्रश्न - एएसि णं भंते ! असंखेज ० - पुच्छा ? ४६ उत्तर - गोयमा ! अनंतपपसिहिंतो खंधेहिंतो असंखेज परसिया खधा दव्वट्टयाए बहुया । भावार्थ - ४६ प्रश्न - हे भगवन् ! असंख्यात प्रदेशी स्कन्ध० ? For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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