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________________ भगवती सूत्र - ०५ उ. ३ गति आदि का अल्प-बहुत्व ६५ प्रश्न - एसि णं भंते! सइंदियाणं, एगिंदियाणं जाव अनिंदियाण य कयरे कयरे ० ? ६५ उत्तर - एयं पि जहा बहुवत्तव्वयाए तहेव ओहियं पयं भाणियन्वं, सकाइ अप्पा बहुगं तहेव ओहियं भाणियव्वं । भावार्थ - ६५ प्रश्न - हे भगवन् ! सइन्द्रिय, एकेन्द्रिय यावत् अनिन्द्रिय जीवों में कौन जीव, किन जीवों से अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? ६५ उत्तर - हे गौतम ! प्रज्ञापना सूत्र के तीसरे बहुवक्तव्यता पद के 1. औधिक पद के अनुसार जानना चाहिये। सकायिक जीवों का अल्प- बहुत्व भी बहुवक्तव्यता के औधिक पद के अनुसार है । ३२५९ ६६ प्रश्न - एएसि णं भंते! जीवाणं, पोग्गलाणं जाव सव्वपज्जवाणु य कयरे कयरे० ? ६६ उत्तर - जाव बहुवत्तव्वयाए । भावार्थ - ६६ प्रश्न - हे भगवन् ! जीव और पुद्गल यावत् सर्व पर्यायों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? ६६ उत्तर - हे गौतम ! प्रज्ञापना सूत्र के तीसरे बहुवक्तव्यता पद के अनुसार जानो । ६७ प्रश्न - एएसि णं भंते! जीवाणं, आउयस्स कम्मस्स बंधगाणं अबंधगाणं ? ६७ उत्तर - जहा बहुवत्तव्वयाए जाव आउयस्स कम्मस्स अबंधगा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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