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________________ २६८६ भगवती सूत्र-श. १८ उ. ३ द्रव्य और भाव वन्ध के भेद भावार्थ-११ प्रश्न-हे भगवन् ! विस्रसाबन्ध कितने प्रकार का कहा गया है ? ११ उत्तर-हे माकन्दिक पुत्र ! दो प्रकार का कहा गया है । यथासादि विस्रसाबन्ध और अनादि विस्रसाबन्ध । १२ प्रश्न-पयोगबंधे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? ... १२ उत्तर-मागंदियपुत्ता ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-सिढिल. बंधणबंधे य धणियबंधणबंधे य । कठिन शब्दार्थ-सिढिल-शिथिल । भावार्थ-१२ प्रश्न-हे भगवन् ! प्रयोग बन्ध कितने प्रकार का कहा गया हैं ? १२ उत्तर-हे माकन्दिक पुत्र ! दो प्रकार का कहा गया है। यथाशिथिल बन्धन बन्ध और गाढ़ बंधन बंध । १३ प्रश्न-भावबंधे णं भंते ! कइविहे पण्णते ? १३ उत्तर-मागंदियपुत्ता ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-मूलपगडिबंधे य उत्तरपगडिबंधे य । १४ प्रश्न-णेरइयाणं भंते ! कइविहे भावबंधे पण्णत्ते ? १४ उत्तर-मागंदियपुत्ता ! दुविहे भावबंधे पण्णत्ते, तं जहामूलपगडिबंधे य उत्तरपगडिबंधे य । एवं जाव वेमाणियाणं । भावार्थ-१३-प्रश्न-हे भगवन् ! भाव बंध कितने प्रकार का कहा गया है ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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