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भगवती सूत्र-श. १८ उ. ३ द्रव्य और भाव-बन्ध के भेद
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१३ उत्तर-हे माकन्दिक पुत्र ! दो प्रकार का कहा गया है । यथामूल प्रकृतिबन्ध और उत्तर प्रकृतिबन्ध ।
१४ प्रश्न-हे भगवन् ! नरयिक जीवों के कितने प्रकार का भाव-बन्ध
कहा गया है ?
१४ उत्तर-हे माकन्दिक पुत्र ! दो प्रकार का भाव-बन्ध कहा गया है । यथा मूल प्रकृतिबन्ध और उत्तर प्रकृतिबंध । इसी प्रकार यावत् वैमानिक तक जानना चाहिये।
१५ प्रश्न-णाणावरणिजस्स णं भंते ! कम्मरस कइविहे भावबंधे पण्णते ?
१५ उत्तर-मागंदियपुत्ता ! दुविहे भाव बंधे पण्णत्ते, तं जहामूलपगडिबंधे य उत्तरपगडिबंधे य ।
. १६ प्रश्न-णेरइयाणं भंते ! णाणावरणिजस्स कम्मस्स कहविहे भावबंधे पण्णत्ते ?
१६ उत्तर-मागंदियपुत्ता ! दुविहे भावबंधे पण्णत्ते, तं जहामूलपगडिबंधे य उत्तरपगडि०, एवं जाव नेमाणियाणं, जहा णाणावरणिज्जेणं दंडओ भणिओ एवं जाब अंतराइएणं भाणियब्यो ।
भावार्थ-१५ प्रश्न-हे भगवन् ! ज्ञानावरणीय कर्म का भाव-बन्ध कितने प्रकार का कहा गया है ?
१५ उत्तर-हे माकन्दिक पुत्र ! दो प्रकार का कहा गया है । यथामूल प्रकृति बन्ध और उत्तर प्रकृतिबन्ध ।
१६ प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक जीवों के ज्ञानावरणीय कर्म का माव
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