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भगवती सूत्र-श. १८ उ. ३ द्रव्य और भाव-बन्ध के भेद
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प्रज्ञापना सूत्र की रचनाशैली प्रायः गौतमस्वामी के प्रदन और भगवान् द्वारा उत्तर रूप होने से यहाँ प्रश्नकर्ता 'माकन्दिक पुत्र' होने पर भी 'गौतम स्वामी' को सम्बोधित कर उत्तर दिया है । अतः यहाँ प्रज्ञापना के उस संलग्न पाठ का ग्रहण किया हुआ समझना चाहिये।
द्रव्य और भाव-बन्ध के भेद
... ९ प्रश्न-कइविहे णं भंते ! बंधे पण्णत्ते ?
९ उत्तर-मागंदियपुत्ता ! दुविहे बंधे पण्णत्ते, तं जहा-दव्वबंधे य भावबंधे य।
१० प्रश्न-दव्वबंधे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ?
१० उत्तर-मागंदियपुत्ता ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-पओगबंधे य वीससाबंधे य ।
भावार्थ-९ प्रश्न-हे भगवन् ! बन्ध कितने प्रकार का कहा गया है ?
९ उत्तर-हे माकन्दिकपुत्र ! बन्ध दो प्रकार का कहा गया है । यथाद्रव्यबन्ध और भावबन्ध ।
१० प्रश्न-हे भगवन् ! द्रव्यबंध कितने प्रकार का कहा गया है ?
१० उत्तर-हे माकन्दिकपुत्र ! दो प्रकार का कहा गया है। यथाप्रयोगबन्ध और विस्रसाबन्ध (स्वाभाविक बन्ध)।
११ प्रश्न-वीससाबंधे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ?
११ उत्तर-मागंदियपुत्ता !दुविहे पण्णत्ते, तं अहा-साइयवीससा. बंधे य अणाईयवीससाबंधे य ।
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