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________________ गये हैं । शतक १९ उद्देशक ७ १ प्रश्न - केवइया णं भंते! असुरकुमार भवणावाससयसहस्सा पण्णत्ता ? १ उत्तर - गोयमा ! चउसद्धिं असुरकुमार भवणावाससयसहस्सा पण्णत्ता । २ प्रश्न - ते णं भंते! किंमया पण्णत्ता ? २ उत्तर - गोयमा ! सव्वरयणामया, अच्छा, सण्हा, जाव पडिरूवा । तत्थ णं बहवे जीवा य पोग्गला य वकमंति, विउक्कमंति चयंति, उववज्जंति । सासया णं ते भवणा दव्वट्टयाए; वण्णपज्जवेहिं, जाव फासपज्जवेहिं असासया, एवं जाव थणियकुमारावासा । कठिन शब्दार्थ - किमया - किससे बने | भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! असुरकुमारों के कितने लाख भवनावास कहे गये हैं ? १ उत्तर - हे गौतम! असुरकुमारों के चौसठ लाख भवनावास कहे Jain Education International देवावास रत्नमय हैं २ प्रश्न - हे भगवन् ! वे भवनावास किमय ( किससे बने हुए ) हैं ? २ उत्तर - हे गौतम! वे भवनावास सर्व रत्नमय, स्वच्छ, श्लक्ष्ण For Personal & Private Use Only www.jalnelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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