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शतक १६ उद्देशक १२-१३-१४
उदधिकुमार दिशाकुमार स्तानतकुमार
१ प्रश्न-उदहिकुमाराणं भंते ! सव्वे समाहारा०?
१ उत्तर-एवं चेव ! 'सेवं भंते ! सेवं भंते' ! ति । (१६.१२) एवं दिसाकुमारा वि । 'सेवं भंते ! सेवं भंते' ! त्ति । (१६.१३) एवं थणियकुमारा वि । 'सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरइ(१६-१४)।
॥ सोलसमे सए १२-१३-१४ उद्देसा समत्ता ॥
॥ सोलसमं सयं समत्तं ॥
कठिन शब्दार्य-समाहारा-समान आहार वाले ।
भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! सभी उदधिकुमार, समान आहार वाले है, इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न ।
१ उत्तर-हे गौतम ! सभी पूर्ववत् कहना चाहिये। . इसी प्रकार दिशाकुमारों के विषय में तेरहवां उद्देशक जानना चाहिये।
इसी प्रकार स्तनित कुमारों के विषय में चौदहवां उद्देशक जानना चाहिये।
हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है। हे भगवन् ! यह इसी प्रकार हैयों कह कर गौतम स्वामी यावत् विचरते हैं ।
॥ सोलहवें शतक का बारहवां, तेरहवां, चौदहवां उद्देशक सम्पूर्ण ॥
॥ सोलहवां शतक सम्पूर्ण ॥
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