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भगवती सूत्र-स..११ ३...६ स्वप्न की अवस्था और प्रकार
९ उत्तर-हे गौतम ! उसकी स्थिति १७ सागरोपम की कही गई ।
१० प्रश्न-हे भगवन ! 'वह गंगवन देव वहां का आयष्य, भव और स्थिति का क्षय होने पर च्यव कर कहां जायगा ? कहां उत्पन्न होगा ?
१० उत्तर-हे गौतम ! वह महाविदेह क्षेत्र में जन्म ले कर सिद्ध होगा यावत् सभी दुःखों का अन्त करेगा ।
हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है । हे भगवन् ! यह इसी प्रकार हैऐसा कह कर गौतम स्वामो यावत् विचरते हैं।
विवेचन-देवों में भाषा पर्याप्ति और मनःपर्याप्ति मम्मिलित बंधता है । इसलिय 'पांच पर्याप्तियों से पर्याप्त'-ऐसा कहा गया ।
॥ सोलहवें शतक का पाँचवाँ उद्देशक सम्पूर्ण ।।
शतक १६ उद्देशक
स्वप्न की अवस्था और प्रकार
१ प्रश्न-कइविहे णं भंते ! सुविणदंसणे पण्णत्ते ?
१ उत्तर-गोयमा ! पंचविहे सुविणदंसणे पण्णत्ते, तं जहा१ अहातच्चे २ पयाणे ३ चिंत्तासुविणे ४ तविवरीए ५ अवत्तदंसणे ।
२ प्रश्न-सुत्ते णं भंते ! सुविणं पासइ, जागरे सुविणं पासइ, सुत्तजागरे सुविणं पासइ ?
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