SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 308
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवती मूव-स. १५ गाभाटक का आगमन और दाम्भिक प्रलाप २०२५ तत्थ णं जे मे पढमे पउट्टपरिहारे से णं गयगिहस्स णयरस्स बहिया मंडिकुञ्छिसि चेड्यंमि उदाइरस कुंडियायणस्स सरीरं विप्पजहामि, उदा० . २-जहित्ता एणेजगरस सरीरगं अणुप्पविसामि, एणे. २-प्पविसित्ता बावीसं वामाई पढमं पउट्टपरिहारं परिहरामि । तत्थ णं जे से दोच्चे पउट्टपरिहारे से णं उदंडपुरस्म णयरस्स वहिया चंदोयरणंसि चेइयमि एणेज्जगस्स सरीरगं विप्पजहामि, एणे० २जहित्ता मल्लरामस्स सरीरगं अणुप्पविसामि. मल्ल० २-विसित्ता एकवीसं वासाई दोच्च पउट्टपरिहारं परिहरामि । तत्थ णं जे से तच्चे पउट्टपरिहारे से णं चंपाए णयरीए वहिया अंगमंदिरंसि चेइयंसि मल्लरामस्स सरीरगं विप्पजहामि, मल्ल० २-जहिता मंडियस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, मंडि० २--प्पविसित्ता वीसं वासाइं तच्चं पउट्टपरिहारं परिहरामि । तत्थ णं जे से चउत्थे पउट्ट. परिहारे से णं वाणारसीए णयरीए बहिया काममहावणंसि चेइयंसि मंडियस्स सरीरगं विप्पजहामि, मंडि० २-जहित्ता रोहस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, रोह० २-पविसित्ता एकूणवीसं वासाई. चउत्थं पउट्टपरिहारं परिहरामि । तत्थ णं जे से पंचमे पउट्टपरिहारे से णं आलभियाए णयरीए बहिया पत्तकालगयंसि चेइयंसि रोहस्स सरीरगं विप्पजहामि, रोह० २-जहिता भारहाइस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, भा० २-प्पविसित्ता अट्टारस वासाई पंचमं पउट्टपरिहारं परिहरामि । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004090
Book TitleBhagvati Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages530
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy