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भगवती सूत्र श. १४ उ. १० केवली और सिद्ध का ज्ञान
प्रश्न - जहा णं भंते ! केवली सिद्ध जाणड़ पासइ, तहा णं
सिधे वि सिद्धं जाणइ पासह ?
उत्तर - हंता जाणड़ पासइ ।
४ प्रश्न - केवली णं भंते ! भासेज वा वागरेज्ज वा ?
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४ उत्तर - हंता भासेज्ज वा वागरेज्ज वा ।
५ प्रश्न - जहा णं भंते ! केवली भासेज्ज वा वागरेज वा तहा णं सिधे विभासेज्ज वा वागरेज्ज वा ?
५ उत्तर - णां इडे समड़े |
प्रश्न - से केण्णं भंते ! एवं वुबइ - 'जहा णं केवली भासेज्ज वा वागरेज्ज वा णो तहा णं सिधे भासेज्ज वा वागरेज्ज वा' ?
उत्तर - गोयमा ! केवली णं सउट्टाणे सकम्मे सबले सवीरिए सपुरिसक्कारपरक्कमे, सिद्धे णं अणुडाणे जाव अपुरिसक्कारपरक्कमे, मे तेणद्वेणं जाव वागरेज्ज वा ।
भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! केवलज्ञानी, छद्मस्थ को जानतेदेखते हैं ?
१ उत्तर - हाँ गौतम ! जानते-देखते हैं ।
२ प्रश्न - हे भगवन् ! जिस प्रकार केवलज्ञानी छद्मस्थ को जानते-देखते हैं, उसी प्रकार सिद्ध भी छद्मस्थ को जानते-देखते हैं ?
२ उत्तर - हाँ गौतम ! जानते-देखते हैं ।
३ प्रश्न - हे भगवन् ! केवलज्ञानी आधोवधिक (प्रतिनियत क्षेत्र विषयक अवधिज्ञान वाले) को जानते-देखते हैं ?
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