________________
भगवती सूत्र - श. १४ उ ९ भावितात्मा अनगार और प्रकाशित पुद्गल
शीतोदा नदी सम्बन्धी निषध आदि पांच द्रहों के दोनों तटों पर दस-दस काञ्चन पर्वत हैं । इस प्रकार ये भी सौ काञ्चन पर्वत हैं । दोनों मिलाकर दो सौ काञ्चन पर्वत हैं । इन पर्वतों पर जृम्भक देव रहते हैं ।
॥ चौदहवें शतक का आठवां उद्देशक सम्पूर्ण ॥
२३५४
शतक १४ उद्देशक
भावितात्मा अनगार और प्रकाशित पुद्गल
१ प्रश्न - अणगारे णं भंते ! भावियप्पा अप्पणो कम्मलेस्सं ण जाणण पास, तं पुण जीवं सरूविं सकम्मलेस्सं जाणइ, पासइ ? १ उत्तर - हंता गोयमा ! अणगारे णं भावियप्पा अप्पणो जाव
पोसइ ।
२ प्रश्न - अत्थि णं भंते ! सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासंति ४ १
२ उत्तर - हंता अस्थि ।
३ प्रश्न - कयरे णं भंते ! सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासंति जाव पभाति ?
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org