SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 228
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मगवती सूत्र-का. १४ उ. ८ शाल वृक्षादि का परभव : २३४५ शाल वृक्षादि का परभव १२ प्रश्न-एम णं भंते ! सालसखे उण्हाभिहए तण्हाभिहए दवग्गिजालाभिहए कालमासे कालं किचा कहिं गच्छिहिति कहिं उववजिहिति ? उत्तर-गोयमा ! इहेव रायगिहे णयरे सालरुखत्ताए पन्चायाहिति, मे णं तत्थ अच्चिय-वंदिय-पूड़य-सक्कारिय-सम्माः णिए दिवे सच्चे मच्चोवाए सण्णिहियपाडिहरे, लाउल्लोइयमहिए यावि भविस्सइ । प्रश्न-से णं भंते ! तओहिंतो अणंतर उव्वट्टित्ता कहिं गमिहिति कहिं उववजिहिति ? उत्तर-गोयमा : महाविदेह वासे सिज्झिहिति, जाव अंत' काहिति। ___ १३ प्रश्न-एस णं भंते ! साललट्ठिया उण्हाभिहया तण्हा. भिहया दवग्गिजालाभिहया कालमासे कालं किचा जाव कहिं उववजिहिति ? . १३ उत्तर-गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे विंझगिरिपायमूले महेसरिए णयरीए सामलिरुक्खत्ताए पञ्चायाहिति, सा णं तत्थ अचिय-वंदिय-पूइय० जाव लाउल्लोइयमहिए यावि Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004090
Book TitleBhagvati Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages530
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy