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भगवती सूत्र-स. १४ उ. ८ परिवयो और देवलोकों का अन्तर
२३८ :
८ उत्तर-एवं चेव । ९ प्रश्न-लंतयस्स णं भंते ! महासुक्कस्स य कप्पस्स कंवइयं० ?
९ उत्तर-एवं चेव, एवं महासुक्कस्स कप्पस्स सहस्सारस्स य, एवं सहस्सारस्स आणय-पाणयकप्पाणं, एवं आणय-पाणयाण य कप्पाणं आरण-च्चुयाण य कप्पाणं, एवं आरण-च्चुयाणं गेविज. विमाणाण य, एवं गेविजविमाणाणं अणुत्तरविमाणाण य ।
___भावार्थ-४ प्रश्न-हे भगवन् ! इस रत्नप्रभा पृथ्वी और ज्योतिषी . देवों का अबाधान्तर कितना कहा गया ?
४ उत्तर-हे गौतम ! ७९० योजन का अबाधान्तर कहा गया ।
५ प्रश्न-हे भगवन् ! ज्योतिषी देवों और सौधर्म-ईशान कल्पों का अबाधान्तर कितना कहा गया ?
५ उत्तर-हे गौतम ! असंख्यात योजन यावत् अवाधान्तर कहा गया।
६ प्रश्न-हे भगवन् ! सौधर्म-ईशान कल्प और सनत्कुमार-माहेन्द्र कल्पों का अबाधान्तर कितना कहा गया ? .....६ उत्तर-इसी प्रकार जानना चाहिये ।
७ प्रश्न-हे भगवन् ! सनत्कुमार, माहेन्द्र और ब्रह्मलोक कल्प का अबाधान्तर कितना कहा गया ?
७ उत्तर-इसी प्रकार जानना चाहिये।
८ प्रश्न-हे भगवन् ! ब्रह्मलोक और लान्तक कल्प का अबाधान्तर कितना है ?
८ उत्तर-इसी प्रकार जानना चाहिये। ९ प्रश्न-हे भगवन् ! लान्तक और महाशुक्र कल्प' का अन्तर कितना
है
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