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________________ २२६० भगवती सूत्र-श. १३ उ. ७ मृत्यु के विविध प्रकार २९ प्रश्न-बालमरणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? २९ उत्तर-गोयमा ! दुवालसविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ वलयमरणं, जहा खदए, जाव १२ गिद्धपढे । ३० प्रश्न-पंडियमरणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? ३० उत्तर-गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ पाओवगमणे य २ भतपञ्चक्खाणे य। ३१ प्रश्न-पाओवगमणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? ३१ उत्तर-गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ णीहारिमे य अणीहारिमे य, जाव णियमं अपडिकम्मे । ३२ प्रश्न-भत्तपञ्चक्खाणे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? ३२ उत्तर-एवं तं चेव, णवरं णियमं सपडिकम्मे । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति ® ॥ तेरसमसए सत्तमो उद्देसो समत्तो ॥ भावार्थ-२९ प्रश्न-हे भगवन् ! वाल मरण कितने प्रकार का कहा गया? २९ उत्तर-हे गौतम ! बारह प्रकार का कहा गया । यथा-वलय मरण इत्यादि दूसरे शतक के पहले उद्देशक के स्कन्दकाधिकार के अनुसार यावत् गध्रपृष्ठ मरण तक जानना चाहिये। ३० प्रश्न-हे भगवन् ! पण्डित मरण कितने प्रकार का कहा गया ? ३० उत्तर-हे गौतम ! दो प्रकार का कहा गया। यथा-१ पादप्रोप Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004090
Book TitleBhagvati Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages530
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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