________________
नगवती मुत्र-अ.] मृत्य
विविध प्रकार
२४ उत्तर - हे गौतम! चार प्रकार का कहा गया । यथा-नैरयिक द्रव्याधिमरण, ( तिर्यञ्वयोनिक द्रव्यावधिमरग, मनुष्य द्रव्यावधिमरण) यावत् देव द्रव्यावधिमरण ।
२५ प्रश्न - हे भगवन् ! नैरयिक द्रव्यावधिमरण 'नैरयिक द्रव्यावधिमरण' क्यों कहलाता है ?
Jain Education International
ܼܝܢ
२५ उत्तर - हे गौतम ! नैरयिकपने रहे हुए नैरयिक जीव, जिन द्रव्यों को इस समय ( वर्तमान समय) में छोड़ते हैं, फिर वे ही जीव, नैरयिक होकर उन्हीं द्रव्यों को ग्रहण कर फिर भी छोड़ेंगे, इस कारण हे गौतम! नैरयिक द्रव्याधिमरण 'नैरविक द्रव्यावधिमरण' कहलाता है । इसी प्रकार तिर्यञ्च - योनिक द्रव्यावधिमरण, मनुष्य द्रव्यावधिमरण और देव द्रव्यावधिमरण भी कहना चाहिये । तथा इसी पाठ से क्षेत्रावधिमरण, कालावधिमरण, भवावधिमरण और भावावधिमरण भी कहना चाहिये ।
२६ प्रश्न - हे भगवन् ! आत्यन्तिकमरण कितने प्रकार का कहा गया ! २६ उत्तर - हे गौतम ! पांच प्रकार का कहा गया । यथा - द्रव्यात्यन्तिकमरण, क्षेत्रात्यन्तिकमरण यावत् भावात्यन्तिकमरण ।
२७ प्रश्न- हे भगवन् ! द्रव्यात्यन्तिकमरण कितने प्रकार का कहा गया ? २७ उत्तर - हे गौतम ! चार प्रकार का कहा गया । यथा-नैरयिक द्रव्यात्यन्तिकमरण, यावत् देवद्रव्यात्यन्तिकमरण । ।
२८ प्रश्न - हे भगवन् ! नैरयिक द्रव्यात्यन्तिकमरण 'नैरयिक द्रव्यात्यन्तिकमरण' क्यों कहलाता है ?
२८ उत्तर- हे गौतम ! नैरयिकपने रहे हुए नैरयिक जीव, जिन द्रव्यों को वर्तमान समय में छोड़ते हैं, वे नैरयिक जीव, उन द्रव्यों को भविष्यत्काल में फिर नहीं छोड़ेंगे, इस कारण हे गौतम ! नैरयिक द्रव्यात्यन्तिकमरण 'नैरयिक द्रव्यात्यन्तिकमरण' कहलाता है । इसी प्रकार तियंचयोनिक द्रव्यात्यन्तिकमरण, मनुष्य द्रव्यात्यन्तिकमरण और देव द्रव्यात्यन्तिकमरण भी जानना चाहिये । तथा इसी प्रकार क्षेत्रात्यन्तिकमरण यावत् भावात्यन्तिकमरण भी जानना चाहिये ।
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org