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भगवती सूत्र-ग. ९ उ. ३२ गांगेय प्रश्न-प्रवेगनक
विवेचन-नौ नैरयिक जीवों आश्रयी असंयोगी सात भंग होते हैं ।
नौ नैरयिक जीवों के द्विकसंयोगी एक विकल्प के आठ भंग होते हैं उनके द्वारा. पूर्वोक्त सात नरकों के द्विकसंयोगी इक्कीस विकल्पों को गगा करने से १६८ भंग होते हैं।
नौ नैरयिक जीवों के १-१-७ इत्यादि त्रिकर्मयोगी एक विकल्प के अट्टाईस भंग होते हैं, उनके द्वारा सात नरकों के पूर्वोक्त त्रिकर्मयोगी पंतीस विकल्पों को गणा करने से , ९८० भंग होते हैं।
नौ नैरयिक जीवों के १-१-१-६ इत्यादि चतुःसंयोगी एक विकल्प के ५६ भंग होते हैं । उनके द्वारा सात नरकों के पूर्वोक्त चतुःसंयोगी पैंतीस विकल्पों के साथ गुणा करने से १९६० भंग होते हैं।
नौ नैरयिक जीवों के १-१-१-१-५ इत्यादि पंचसंयोगी एक विकल्प के ७० भंग होते हैं, उनके द्वारा सात नरकों के पूर्वोक्त पंचसंयोगी इक्कीस विकल्पों के साथ गुणा करने से १४७० भंग होते हैं।
नौ नैरयिक जीवों के १-१-१-१-१-४ इत्यादि पसंयोगी एक विकल्प के ५६ भंग होते है, उनके द्वारा सात नरकों के पूर्वोक्त पट्मंयोगी सात विकल्पों के साथ गुणा करने से ३९२ भंग होते हैं।
नौ नैरयिक जीवों के १-१-१-१-१-१-३ इत्यादि सप्तसंयोगी एक विकल्प के २८ भंग होते हैं। उनके द्वारा सात नरकों के पूर्वोक्त सप्तसंयोगी एक विकल्प के साथ गुणा करने पर अट्ठाईस भंग होते हैं । इस प्रकार सभी मिलकर ५००५ (७+१६८+९८०+१९६०+ १४७०+३९२+२८-५००५) भंग होते हैं।
२० प्रश्न-दस भंते ! णेरइया णेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा ।
२० उत्तर-गंगेया ! रयणप्पभाए वा होजा; जाव अहेसत्तमाए वा होजा । अहवा एगे रयणप्पभाए णव सक्करप्पभाए होजा । एवं
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