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१६४२ भगवती सूत्र-श. ९ उ. ३२ गांगेय प्रश्न-प्रवेशनक एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है। (२) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक वालुकांप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक तमःप्रभा में होता है । (३) अथवा एक रत्नप्रभा में यावत् एक पंकप्रभा में और एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता है। (४) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमःप्रभा में होता है। (५) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता हैं । (६) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक तमःप्रभा में और एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता है । (७) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमःप्रभा में होता है । (८) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अध:सप्तम पृथ्वी में होता है। (९) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक तमःप्रभा में और एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता है। (१०) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक धूमप्रभा में, एक तमःप्रभा में और एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता है। (११) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक वालकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में, और एक तमःप्रभा में होता है। (१२) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक धमप्रभा में और एक अधःसप्तम. पृथ्वी में होता है । (१३) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक तमःप्रभा में और एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता है । (१४) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक धमप्रभा में, एक तमःप्रभा में और एक अघःसप्तम पृथ्वी में होता है। (१५) अथवा एक रत्नप्रभा में, एक पंकप्रभा में, यावत् एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता है । (१६) अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक तालुकाप्रभा में, यावत् एक तमःप्रभा में होता है। (१७) अथवा एक शर्कराप्रभा में, यावत् एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता है। (१८) अथवा एक शर्कराप्रमा में, यावत् एक पंकप्रभा में, एक तमःप्रभा में और एक अधःसप्तम पृथ्वी में होता
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