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भगवती सूत्र - १२ उ. १० पृथ्वी आत्मा रूप है ?
जाव असत्तमा ।
१३ प्रश्न-आया भंते ! सक्करप्पभा पुढवी ?
१३ उत्तर - जहा रयणप्पभा पुढवी तहा सकरप्पभा वि, एवं
१४ प्रश्न-आया भंते ! सोहम्मे कप्पे पुच्छछ ।
१४ उत्तर - गोयमा ! १ सोहम्मे कप्पे सिय आया, २ सय णो आया जाव णो आयाइ य ।
प्रश्न-से केणट्टेणं भंते ! जाव णो आयाइ य ?
उत्तर - गोयमा ! १ अप्पणो आइट्ठे आया, २ परस्स आइडें णो आया, ३ तदुभयस्स आइट्ठे अवत्तव्यं आयाइ य णो आयाइ य; से तेणट्टेणं तं चेव जाव णो आयाइ य । एवं जाव अच्चुए कप्पे ।
१५ प्रश्न - आया भंते ! गेविज्जविमाणे, अण्णे गेविज्जविमाणे ? १५ उत्तर- एवं जहा रयणप्पभा तहेव, एवं अणुत्तरविमाणावि, एवं ईसिप भारा वि ।
रूप) ?
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कठिन शब्दार्थ -- माइट्ठे --आदिष्ट- उनके द्वारा कहे जाने पर ।
१२ प्रश्न - हे भगवन् ! रत्नप्रभा पृथ्वी आत्मरूप है या अन्य (असद्
१२ उत्तर - हे गौतम ! रत्नप्रभा पृथ्वी कथंचित् आत्मरूप (सद्रूप ) है और कथंचित् नोआत्मरूप ( असद्रूप ) है । सदसद्रूप (उभयरूप ) होने से कथंचित् वक्तव्य है ।
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