________________
मगवती सूत्र-श. १२ उ. ४ पुद्गल परिवर्तन के भेद
२०३९
प्राण (श्वासोच्छवास) पुदगल परिवर्तन सभी जीवों में एक से लेकर अनन्त तक जानना चाहिये, यावत् वैमानिक के वैमानिक भव तक कहना चाहिये ।
२६ प्रश्न-णेरइयाणं भंते ! गेरइयत्ते केवइया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीता ? ... २६ उत्तर-णस्थि एक्को वि। (प्र०) केवइया पुरेपखडा ? (उ०) णत्थि एक्को वि, एवं जाव थणियकुमारते ।
२७ प्रश्न-पुढविकाइयत्ते पुच्छा।
२७ उत्तर-अणंता । (प्र०)केवइया पुरेक्खडा ? (उ०) अांता, एवं जाव मणुस्सत्ते । वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणियत्ते जहा गेरइयत्ते, एवं जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते, एवं सत्त वि पोग्गलपरियट्टा भाणि. पव्वा; जत्थ अस्थि तत्थ अतीता वि पुरेक्खडा वि अणता भाणियव्वा, जत्य णत्थि तत्थ दो वि णत्थि भाणियब्वा । जाव (प्र०) वेमाणिपाणं वेमाणियते केवइया आणापाणुरोग्गलपरियट्टा अतीता ? (उ०) अणंता । (प्र०) केवइया पुरेक्खडा ? (उ०) अणंता ।
२८ प्रश्न-से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'ओरालियपोग्गल. परियट्टे ओरालियपोग्गलपरियट्टे ?' ___२८ उत्तर-गोयमा ! जणं जीवेणं ओरालियसरीरे वट्टमाणेणं ओरालियसरीरपाओग्गाई दव्वाइं ओरालियसरीरत्ताए गहियाई,
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org