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भगवती सूत्र-श. १२ . ४ परमाणु और स्कन्ध के विभाग
२०११
चउहा कन्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवड़; अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवड़; अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवड़; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए बंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो तिपएसिया बंधा भवंति; अहवा एगयओ तिण्णि दुप्पएसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ । ... भावार्थ-जब उसके चार विभाग किये जायें, तब एक ओर पृथक-पृथक तीन परमाणु-पुद्गल और एक ओर एक छह प्रदेशो स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर पृथक-पृथक् दो परमाणुपुद्गल, एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक पञ्चप्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर पृथक-पृथक् दो परमाणपुद्गल, एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक चतुःप्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर एक परमाणु-पुद्गल, एक ओर दो द्विप्रदेशी स्कन्ध
और एक ओर एक चतुःप्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर एक परमाणुपुद्गल, एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर दो त्रिप्रदेशी स्कन्ध होते हैं, अथवा एक ओर तीन द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध होता है।
पंचहा कन्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला; एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला,
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