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भगवती मूत्र-श. १२ उ. ८ परमाणु और स्कन्ध के विभाग
२००५
वि जाव मत्तहा वि कजइ । दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ छप्पएसिए ग्बंधे भवड़; अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे, एगयओ पंचपएमिए ग्बंधे भवइ; अहवा एगयओ तिप्पएमिए खंधे एगयओ चउपएसिए बंधे भवइ । तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवड़; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ चउपएसिए खंधे भवह, अहवा एगयओं परमाणुपोग्गले. एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा. एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ । चउहा कजमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिप खंधे. एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिणि दुपएसिया खंधा भवंति । पंचहा कजमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपएसिए खंधे भवड; अहवा एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति । छहा कजमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ । सत्तहा कज्जमाणे सत्त परमाणुपोग्गला भवंति ।
भावार्थ-६ प्रश्न-हे भगवन् ! सात परमाणु-पुद्गल जब इकट्ठे होते है, तब क्या बनता है ?
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