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भगवती सूत्र-श. ९ उ. ३१ असोच्चा-लेश्या ज्ञान योगादि
वेदए होज्जा, पुरिस-णपुंसगवेदए होजा; णपुंसगवेदए होज्जा ? ___ २२ उत्तर-गोयमा ! णो इस्थिवेदए होज्जा, पुरिसवेदए वा होज्जा, णो णपुंसगवेदए होज्जा, पुरिस-णपुंसगवेदए वा होज्जा।
२३ प्रश्न-से णं भंते ! किं सकसाई होज्जा, अकसाई होज्जा ? २३ उत्तर-गोयमा ! सकसाई होज्जा, णो अकसाई होजा।
२४ प्रश्न-जइ सकसाई. होजा, से णं भंते ! कइमु कसाएसु होज्जा ?
२४ उत्तर-गोयमा ! चउसु संजलणकोह-माण-माया-लोभेसु होज्जा।
२५ प्रश्न-तस्स णं भंते ! केवइया अज्झवसाणा पण्णत्ता ? २५ उत्तर-गोयमा ! असंखेज्जा अज्झवसाणा पण्णत्ता। २६ प्रश्न-ते णं भंते ! किं पसत्था, अप्पसत्था ? २६ उत्तर-गोयमा ! पसत्था, णो अप्पसत्था।
कठिन शब्दार्थ-कयरम्मि-किस, वइरोसहणारायसंघयणे-वज्रऋषभनाराच संहनन, संठाणे-आकार में, उच्चत्ते-उच्चत्व-ऊँचाई, सत्तरयणोए-सात हाथ, पसत्था-प्रशस्त (अच्छे)।
भावार्थ-१७ प्रश्न-हे भगवन् ! वह किस संहनन में होता है ? १७ उत्त-हे गौतम ! वह वज्रऋषभनाराच संहनन वाला होता है। १८ प्रश्न-हे भगवन् ! वह किस संस्थान में होता है ? . १८ उत्तर-हे गौतम! वह छह संस्थानों में से किसी भी संस्थान में होता है। .१९ प्रश्न-हे भगवन् ! वह अवधिज्ञानी कितनी ऊँचाई वाला होता है?
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