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________________ भगवती सूत्र ण ९ उ. ३१ असोच्चा-लेण्या ज्ञान योगादि १५ उत्तर - हे गौतम ! वह मनयोगी होता है, वचनयोगी होता है और काययोगी भी होता है । १५९७ १६ प्रश्न - हे भगवन् ! वह साकार उपयोग वाला होता है या अनाकार उपयोग वाला ? १६ उत्तर - हे गौतम! वह साकार (ज्ञान) उपयोगवाला भी होता है और अनाकार (दर्शन) उपयोग वाला भी होता है । १७ प्रश्न - से णं भंते ! कयरम्मि संघयणे होज्जा ? १७ उत्तर - गोयमा ! वइरोसहणारायसंघयणे होज्जा । १० प्रश्न - मे णं भंते! कयरम्मि मंठाणे होजा ? १८ उत्तर - गोयमा ! छण्हं संठाणाणं अण्णयरे संठाणे होजा । १९ प्रश्न - से णं भंते ! कयरम्मि उचते होज्जा ? १९ उत्तर - गोयमा ! जहण्णेणं सत्तरयणीए, उनकोसेणं पंचधणुमइए होना । २० प्रश्न - से णं भंते! कयरम्मि आउए होज्जा ? Jain Education International २० उत्तर - गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगट्टवासाउए, उक्कोसेणं पुव्वकोडीओए होज्जा । २१ प्रश्न - से णं भंते! किं सवेदए होज्जा, अवेदए होज्जा ? २१ उत्तर - गोयमा ! सवेदए होजा, गो अवेदए होज्जा । २२ प्रश्न - जड़ सवेदए होजा किं इत्थवेदए होजा, पुरिस For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004089
Book TitleBhagvati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages578
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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