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१५ प्रश्न - जइ सयोगी होज्जा, किं मणजोगी होजा, वड़जोगी होजा, कायजोगी होज्जा ?
१५ उत्तर - गोयमा ! मणजोगी वा होज्जा, वइजोगी वा होज्जा, कायजोगी वा होना ।
१६ प्रश्न - से णं भंते ! किं सांगारोवउत्ते होज्जा, अणागारोवउत्ते. वा होज्जा ?
१६ उत्तर - गोयमा ! सागारोवउत्ते वा होज्जा, अणागारोवउत्ते वा होजो ।
कठिन शब्दार्थ - सागारोवउत्ते- साकार (ज्ञान) उपयोगवाला, अणागारोवउत्तेअनाकार (दर्शन) उपयोगवाला ।
भावार्थ-१२ प्रश्न-हे भगवन् ! वह अवधिज्ञानी, कितनी लेश्याओं में होता है ?
१२ उत्तर - हे गौतम! तीन विशुद्ध लेश्याओं में होता है । यथा-१ तेजोलेश्या, २ पद्मलेश्या और ३ शुक्ललेश्या ।
१३ प्रश्न - हे भगवन् ! वह अवधिज्ञानी, कितने ज्ञान में होता है ? १३ उत्तर - हे गौतम ! १ आभिनिबोधिकज्ञान, २ श्रुतज्ञान और ३ अवधिज्ञान, इन तीन ज्ञानों में होता है ।
१४ प्रश्न - हे भगवन् ! वह अवधिज्ञानी, सयोगी होता है, या
अयोगी ?
भगवती सूत्र - श. ९ उ. ३१ असोच्चा-श्या ज्ञान योगादि
१४ उत्तर - हे गौतम ! वह सयोगी होता है, अयोगी नहीं होता । १५ प्रश्न - हे भगवन् ! यदि वह सयोगी होता है, तो क्या मनयोगी होता है, वचनयोगी होता है, या काययोगी होता है ?
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