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मगवती सूत्र-श. ११ उ. ११ महावल चरित्र
१९३९
तुष्टि एवं मंगलकारी है, सुख समृद्धि का सूचक है । इससे आपको अर्थ लाभ, भोग लाभ, पुत्र लाभ और राज्य लाभ होगा। नव मास और साढ़े सात दिन व्यतीत होने पर प्रभावती देवी, आपके कुल में ध्वज समान पुत्र को जन्म देगी। वह बालक बाल्यावस्था को पारकर युवक होने पर राज्य का अधिपति होगा, अथवा भावितात्मा अनगार होगा । अतः हे देवानुप्रिय ! प्रभावती देवी ने यह स्वप्न उदार यावत् महाकल्याणकारी देखा है।"
विवेचन-तीर्थकर या चक्रवर्ती के गर्भ में आने पर उनकी माताएँ चौदह महास्वप्न देखती हैं। उनमें से वारहवें स्वप्न में 'विमान और भवन' ये दो शब्द दिये हैं। जिसका आशय यह है कि जो जीव, देवलोक मे आकर तीर्थंकर रूप से जन्म लेता है, उसकी माता, स्वप्न में विमान देखती है और जो जीव नरक से आकर तीर्थंकर रूप में जन्म लेता है, उसकी माता स्वप्न में भवन देखती है ।
२४-तएणं से वले राया सुविणलक्खणपाढगाणं अंतिए एयमटुं सोचा णिसम्म हट्ट-तु४० करयल० जाव कटु ते सुविणलक्षणपाढगे एवं वयासी-'एवमेयं देवाणुप्पिया ! जाव से जहेयं तुम्भे वयह त्ति कटु तं सुविणं सम्मं पडिच्छइ, तं० सुविणलक्खणपाढए विउलेणं असण-पाण-खाइम-साइम- पुष्फ- वत्थ-गंध-मल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ, सक्कारित्ता, सम्माणित्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ, विउलं० जीवियारिहं पीइदाणं दलयित्ता पडिविसज्जेह, पडिविसज्जेत्ता सीहासणाओ अब्भुढेइ, सी० जेणेव पभावई देवी तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता पभावई देविं ताहिं इटाहि कंताहिं जाव संलबमाणे संलबमाणे एवं वयासी-एवं
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