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भगवती सूत्र-श. ११ उ. ११ सुदर्शन सेठ के काल यिषयक प्रश्नोत्तर
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समझना चाहिये । दुसरे वर्षों में तो जब कर्क सक्रान्ति होती है, तब ही अठारह मुहूर्त का दिवस और जब मकर संक्रान्ति होती है तब अठारह मुहूर्त की रात्रि होती है । जितने मुहूर्त का दिन या रात्रि होती है उसका चतुर्थ भाग पीरुपी कहलाता है। चैत्र और आश्विन पूर्णिमा को दिन और रात्रि पन्द्रह पन्द्रह महत की समान होती है। यह कथन भी व्यवहार नय की अपेक्षा है । निश्चय में तो कर्क संझान्ति और मकर संक्रान्ति से जो ९२ वां दिवस होता है, उस समय दिवस और रात्रि समान होती है ।
९ प्रश्न-से किं तं अहाउणिव्वत्तिकाले ?
९ उत्तर-अहाउणिव्वत्तिकाले जणं जेणं ओरइएण वा तिरिक्ख. जोणिएण वा मणुस्सेण वा देवेण वा अहाउयं णिव्वत्तियं सेत्तं पाले. माणे अहाउणिवत्तिकाले। ___१० प्रश्न-से किं तं मरणकाले ? ____ १० उत्तर-मरणकाले जीवो वा सरीराओ सरीरं वा जीवाओ
सेत्तं मरणकाले। . ११ प्रश्न-से किं तं अद्धाकाले ?
११ उत्तर-अद्धाकाले अणेगविहे पण्णत्ते । से णं समयट्टयाए आवलियट्ठयाए जाव उस्सप्पिणीट्टयाए । एस णं सुदंसणा ! अद्धा. दोहारच्छेएणं छिज्जमाणी जाहे विभागं णो हव्वमागच्छइ सेतं समए । समयट्टयाए असंखेजाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा 'आवलिय' ति पवुच्चइ । संखेजाओ आवलियाओ जही सालिउद्देसए जाव सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परिमाणं ।
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