________________
भगवती सूत्र - श. ११ उ. ११ सुदर्शन सेठ के काल विषयक प्रश्नोत्तर १९१९
मुहूर्त का कितने भाग बढ़ते-बढ़ते उत्कृष्ट साढ़े चार मुहूर्त की पौरुषी होती है ? ४ उत्तर - हे सुदर्शन ! जब दिवस और रात्रि की पौरुषो उत्कृष्ट साढ़े चार मुहूर्त की होती है, तब मुहूर्त का एक सौ बाईसवां भाग घटते घटते जघन्य पौरुषी तीन मुहूर्त की होती है और जब जघन्य पौरुषी तीन मुहूर्त की होती है, तब मुहूर्त का एक सौ बाईसवां भाग बढ़ते-बढ़ते उत्कृष्ट पौरुषी साढ़े चार मुहूर्त की होती है ।
५ प्रश्न - हे भगवन् ! दिवस की अथवा रात्रि की उत्कृष्ट साढ़े चार मुहूर्त की पौरुषी कब होती है और जघन्य तीन मुहूर्त की पौरुषी कब होती है ? ५ उत्तर - हे सुदर्शन ! जब अठारह मुहूर्त का बड़ा दिन होता है और बारह मुहूर्त की छोटी रात्रि होती है तब साढ़े चार मुहूर्त की दिवस को उत्कृष्ट पौरुषी होती है और रात्रि की तीन मुहूर्त की सबसे छोटी पौरुषी होती है। जब अठारह मुहूर्त की बड़ी रात्रि होती है और बारह मुहूर्त का छोटा दिन होता है, तब साढ़े चार मुहूर्त की उत्कृष्ट रात्रि-पौरुषी होती है और तीन मुहूर्त की जघन्य दिवस- पौरुषी होती है ।
६ प्रश्न – कया र्णं भंते ! उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, हणिया दुवालसमुत्ता राई भवइ, कया वा उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवर, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ ?
६ उत्तर - सुदंसणा ! आसाढपुण्णिमाए उक्कोसए अट्टारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ । पोसस्स पुण्णमाणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ ।
७ प्रश्न - अस्थि णं भंते! दिवसा य राइओ य समा चेव
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org