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________________ भगवती सूत्र श. १० उ. ५ ईशानेन्द्र का परिवार सोमंसि मीहासणंसि, सेसं तं चेव, एवं जाव - बेसमणस्स, णवरं विमाणाई जहा तइयसए । २८ प्रश्न - ईसाणस्स णं भंते ! पुच्छा । २८ उत्तर- अजो ! अटु अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - १ कण्हा २ कण्हराई ३ रामा ४ रामरक्खिया ५ वसू ६ वसुगुप्ता ७ वसुमित्ता ८ वसुंधरा । तत्थ णं एगमेगाए सेसं जहा सकस्स । २९ प्रश्न - ईसाणस्स णं भंते ! देविंदरस सोमस्स महारष्णो कइ अग्गमहिसीओ पुच्छा | २९ उत्तर- अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - १ पुढवी २ राई ३ रयणी ४ विज्जू । तत्थ गं० सेसं जहा सकस लोगपालाणं, एवं जाव वरुणस्स, णवरं विमाणा जहा चउत्थसए, सेसं तं चेव, जाव णो चेवणं मेहुणवत्तियं । * सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति दसमसए पंचमो उद्देसो समत्तो ॥ Jain Education International 11 कठिन शब्दार्थ - विउव्वित्तए — वैक्रिय करने के लिये । १८३७ भावार्थ - २५ प्रश्न - हे भगवन् ! देवेन्द्र देवराज शत्र के कितनी अग्रमहिषियाँ कही गई हैं ? २५ उत्तर - हे आर्यो ! आठ अग्रमहिषियाँ कही गई हैं। यथा- पद्मा, शिवा, श्रेया, अजू, अमला, अप्सरा, नवमिका और रोहिणी । इनमें से For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004089
Book TitleBhagvati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages578
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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