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________________ भगवती सूत्र - श. १० उ. ५ शन्द्र का परिवार महिषियां आदि का वर्णन दिया गया है। ज्योतिषी इन्द्रों के भी लोकपाल नहीं होते, इसलिए उनका वर्णन नहीं आया है । १८३६ २५ प्रश्न - सकस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो पुच्छा ? २५ उत्तर - अज्जो ! अड्ड अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - १ पउमा २ सिवा ३ सेया ४ अंजू ५ अमला ६ अच्छरा ७- नवमिया ८ रोहिणी । तत्थ णं एगमेगाए देवीए सोलस सोलस देवी सहस्सा परिवारो पण्णत्तो । (प्र०) पभू णं ताओ एगमेगा देवी अण्णाई सोलस सोलस देविसहस्साई परिवार विउव्वित्तए ? ( उ० ) एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देविसयसहस्सं परिवार, सेत्तं तुडिए । २६ प्रश्न - पभू णं भंते! सबके देविंदे देवराया सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसर विमाणे सभाए सुहम्माए सबकंसि सीहासांसि तुडिएणं सघि, सेसं जहा चमरस्स, णवरं परिवारो जहा मोउद्देसए । २७ प्रश्न - संक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारष्णो कड़ अग्गमहिसीओ पुच्छा । २७ उत्तर - अजो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ तं जहा - १ रोहिणी २ मदणा ३ चित्ता ४ सोमा । तत्थ णं एगमेगा० सेसं जहा चमरलोगपालाणं, णवरं सयंपभे विमाणे, सभाए सुहम्माए, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004089
Book TitleBhagvati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages578
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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