SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 251
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १८०६ भगवती सूत्र - श. १० उ. ३ अश्व की खु-खु ध्वनि और भाषा के भेद चार दण्डक कहने चाहिये । विवेचन- १ अल्प ऋद्धिक महद्धिक के साथ, २ समऋद्धिक समऋद्धिक के साथ और ३ महद्धिक अल्प ऋद्धिक के साथ-ये तीन आलापक होते हैं । ये तीन आलापक असुरकुमार से वैमानिक तक कहने चाहिये । १ इन तीन आलापकों से युक्त सामान्य देव का सामान्य देव के साथ एक दण्डक होता है, इसी प्रकार २ इन तीन आलापकों से युक्त वैमानिक पर्यंत देव का देवी के साथ दूसरा दण्डक होता है, ३ इसी तरह वैमानिक पर्यंत देवी का देव के साथ तीसरा दण्डक होता है और ४ इसी तरह वैमानिक पर्यंत देवी का देवी के साथ चौथा दण्डक होता है । विमोहित करने का अर्थ है - 'विस्मित करना' अर्थात् महिका ( धूअर ) आदि के द्वारा अन्धकार कर देना । उस अन्धकार को देखकर सामने वाला देव, विस्मय में पड़ जाता है कि यह क्या है ? उसी समय उसके न देखते हुए ही बीच में से निकल जाना 'विमोहित कर निकल जाना' - कहलाता है । * अश्व की खु-खु ध्वनि और भाषा के भेद १४ प्रश्न - आसस्स णं भंते! धावमाणस्स किं 'खु खु' त्ति करेइ ? १४ उत्तर - गोयमा ! आसस्स णं धावमाणस्स हिययरस य जगयरस य अंतरा एत्थ णं कक्कडए + णामं वाए संमुच्छह, जेणं आसस्स धावमाणस्स 'खु खु' त्ति करेइ | कठिन शब्दार्थ- आसस्स - अश्व (घोड़े ) के, धावमाणस्स-दौड़ते हुए के, हिययस्सहृदय के, जगयस्स - यकृत (लीवर) का, कक्कडए - कर्कट, समुच्छइ - उत्पन्न होता है । भावार्थ - १४ प्रश्न - हे भगवन् ! जब घोड़ा दौड़ता है, तब 'खु-खु' शब्द क्यों करता है ?.. १४ उत्तर - हे गौतम! जब घोड़ा दौड़ता है, तब उसके हृदय और + पाठ भेद- 'कब्बडए ।' Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004089
Book TitleBhagvati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages578
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy