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भगवती सूत्र-श. १० उ. १ शरीर .
. शरीर ९ प्रश्न-कह णं भंते ! सरीरा पण्णत्ता ?
९ उत्तर-गोयमा ! पंच सरीरा, पण्णत्ता, तं जहा-१ ओरा. लिए जाव ५ कम्मए ।
१० प्रश्न-ओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ?
१० उत्तर-एवं ओगाहणासंठाणं गिरवसेसं भाणियव्वं, जाव । 'अप्पाबहुगं' ति।
• सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति - - - ॥दसमसए पढमो उद्देसो समत्तो ॥
कठिन शब्दार्थ-ओरालिए-औदारिक शरीर ।। भावार्थ-२ प्रश्न-हे भगवन् ! शरीर कितने प्रकार के कहे गये है ?
९ उत्तर-हे गौतम ! शरीर पांच प्रकार के कहे गये हैं। यथा-औदारिक, वैक्रिय, आहारक, तेजस् और कार्मण । ..
. १० प्रश्न-हे भगवन् ! औदारिक शरीर कितने प्रकार का कहा गया है ? . १० उत्तर-हे गौतम ! यहां प्रज्ञापना सूत्र के अवगाहना संस्थान नामक इक्कीसवें पद में वर्णित अल्प-बहुत्व तक सारा वर्णन कहना चाहिये।
हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है । हे भगवन् ! यह इसी प्रकार हैऐसा कहकर गौतम स्वामी यावत् विचरते हैं।
विवेचन-औदारिक आदि पांच शरीर हैं । इनका संस्थान, प्रमाण, पुद्गल चय, पारस्परिक संगो अल-बहुत्व इन द्वारों से विस्तृत वर्णन प्रज्ञापना सूत्र के इक्कीसवें अवगाहना संस्थान पद में है । अल-बहुल्व तक का सारा वर्णन यहां कहना चाहिये ।
॥ दसवें शतक का प्रथम उद्देशक सम्पूर्ण ॥
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