________________
शतक १० उद्देशक २
कषाय भाव में साम्परायिकी क्रिया
१ प्रश्न-रायगिहे जाव एवं वयासी-संवुडम्स णं भंते ! अणगा. रस्स वीयीपंथे ठिचा पुरओ रूवाई णिज्झायमाणस्स, मग्गओ रुवाई अवयक्खमाणस्स, पासओ स्वाई अवलोएमाणरस, उड्ढं रूवाई आलोएमाणस्स, अहे स्वाणि आलोएमाणरस तस्स पं भंते ! किं इरियावहिया किरिया कजइ संपराइयाकिरियाकजइ १ . ..१ उत्तर-गोयमा ! संवुडरस णं अणगारस वीयीपंथे ठिचा जाव तस्स णं णो इरियावहिया किरिया कजइ, संपराइया किरिया कजा।
प्रश्न-से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव संपराइया किरिया कजइ ? - उत्तर-गोयमा ! जस्स णं कोह-माण-माया-लोभा० एवं जहा सतमसए पढमोदेसए जाव से णं उस्सुत्तमेव रियइ से तेणटेणं जाव से संपराइया किरिया कज्जइ। . २ प्रश्न-संवुडस्स णं भंते ! अणगारस्स अवीयीपंथे ठिचा पुरओ रूबाई णिज्झायमाणस्स जाव तस्स णं भंते ! किं इरियावहिया किरिया कज्जइ ? पुच्छा।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org