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भगवती सूत्र-श. ९ उ. ३२ देव प्रवेशनक
ग्यारह विकल्प ही होते हैं।
उत्कृष्ट पद में सम्मच्छिम मनुष्य प्रवेशनक कहा गया है । क्योंकि समूच्छिम मनुष्य ही असंख्यात हैं, इसलिये उनका प्रवेशनक भी असंख्यात हो सकता है । अतएव अल्प-बहुत्व में भी गर्भज मनुष्य प्रवेशनक से सम्मूच्छिम मनुष्य प्रवेशनक असंख्यात गुण बतलाया गया हैं।
देव प्रवेशनक ३७ प्रश्न-देवपवेसणए णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ?
३७ उत्तर-गंगेया ! चउविहे पण्णत्ते, तं जहा-भवणवासिदेवपवेसणए, जाव वेमाणियदेवपवेसणए । __ ३८ प्रश्न-एगे भंते ! देवे देवपवेसणएणं पविसमाणे किं भवणवासीसु होजा, वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिएसु होजा? ____३८ उत्तर-गंगेया ! भवणवासीसु वा होजा, वाणमंतर-जोइ. ". सिय-वेमाणिएसु वा होजा।
३९ प्रश्न-दो भंते ! देवा देवपवेसणएणं० पुच्छा ।
३९ उत्तर-गंगेया ! भवणवासीसु वा होजा, वाणमंतर-जोइ. सिय-वेमाणिएसु वा होजा। अहवा एगे भवणवासीसु एगे वाणमंतरेसु होजा, एवं जहा तिरिक्खजोणियपवेसणए तहा देवपवेसगए वि भाणियव्वे, जाव असंखेज ति ।
४० प्रश्न-उक्कोसा भंते ! पुच्छा।
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