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भगवती सूत्र-श. ७ उ. ६ आयु का बन्ध और वेदन कहां होता है ?
वेदन नहीं करता, परन्तु नरक में उत्पन्न होता हुआ और उत्पन्न होने के बाद नरक के आयुष्य का वेदन करता है । इस प्रकार यावत् वैमानिक तक चौवीस हो दण्डक में कहना चाहिये ।
३ प्रश्न-हे भगवन् ! जो जीव, नरक में उत्पन्न होने वाला है, वह इस भव में रहा हुआ महावेदना वाला है, या नरक में उत्पन्न होता हुआ महावेदना वाला है या उत्पन्न होने के बाद महावेदना वाला है ?
. ३ उत्तर-हे गौतम ! वह जीव, इस भव में रहा हुआ कदाचित् · महावेदना वाला होता है और कदाचित् अल्प वेदना वाला होता है । नरक में उत्पन्न होता हुआ कदाचित् महावेदना वाला होता है और कदाचित् अल्प वेदना वाला होता है, किंतु नरक में उत्पन्न होने के बाद एकांत दुःख रूप वेदना वेदता है। कदाचित् सुखरूप वेदना वेदता है।
४ प्रश्न-हे भगवन् ! जो जीव, असुरकुमारों में उत्पन्न होने वाला है...?
४ उत्तर-हे गौतम | वह इस भव में रहा हुआ ,कदाचित् महावेदना वाला होता है और कदाचित् अल्प वेदना वाला होता है, उत्पन्न होता हुआ कदाचित् महावेदना वाला होता है और कदाचित् अल्प वेदना वाला होता है, परन्तु उत्पन्न होने के बाद वह एकांत सुख रूप वेदना वेदता है और कदाचित् दुःख रूप वेदना वेदता है । इस प्रकार यावत् स्तनितकुमारों तक कहना चाहिये।
५ प्रश्न-हे भगवन् ! जो जीव, पृथ्वीकाय में उत्पन्न होने वाला है....?
५ उत्तर-हे गौतम ! इस भव में रहा हुआ वह जीव, कदाचित् महावेदना वाला होता है और कदाचित् अल्प वेदना वाला होता है। इसी प्रकार उत्पन्न होता हुआ भी कदाचित् महा वेदना वाला और कदाचित् अल्प वेदना वाला होता है, परन्तु उत्पन्न होने के बाद वह विमात्रा (विविध प्रकार से) से वेदना वेदता है । इस प्रकार यावत् मनुष्य पर्यन्त कहना चाहिये। जिस प्रकार असुरकुमारों के विषय में कहा है, उसी प्रकार वाणव्यन्तर, ज्योतिषी और वैमानिक देवों के विषय में भी कहना चाहिये ।
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