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भगवती सूत्र - श. ८ उ. ९ शरीर बंध का पारस्परिक सम्बन्ध
शरीर के विषय में जिस प्रकार औदारिक-शरीर के साथ कथन किया है, उसी प्रकार वैक्रिय शरीर के साथ भी कहना चाहिये यावत् वह देश बन्धक है, सर्वबन्धक नहीं ।
१०१ प्रश्न - हे भगवन् ! वैक्रिय शरीर का देश बन्धक जीव औदारिकशरीर का बन्धक है या अबन्धक ?
१०१ उत्तर - हे गौतम ! वह बन्धक नहीं, अबन्धक है। जिस प्रकार क्रिय शरीर के सर्व-बन्ध के विषय में कहा, उसी प्रकार देश बन्ध के विषय में भी यावत् कार्मण शरीर तक कहना चाहिये ।
१०२ प्रश्न - हे भगवन् ! आहारक शरीर का सर्व बन्धक जीव, औदारिक शरीर का बन्धक है या अबन्धक ?
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१०२ उत्तर - हे गौतम! वह बन्धक नहीं, अबन्धक है । इसी प्रकार - शरीर के विषय में भी जानना चाहिये । तेजस् और कार्मण-शरीर के के विषय में औदारिक-शरीर के विषय में कहा, उसी प्रकार आहारक- शरीर के विषय में भी कहना चाहिये ।
१०३ प्रश्न - हे भगवन् ! आहारक- शरीर का देश बन्धक जीव, क्या औदारिक- शरीर का बन्धक है या अबन्धक ?
१०३ उत्तर - हे गौतम! जिस प्रकार आहारक- शरीर के सर्व-बन्ध के विषय में कहा, उसी प्रकार देशबंधक के विषय में भी कहना चाहिये यावत् कार्मणशरीर तक कहना चाहिये ।
१०४ प्रश्न - हे भगवन् ! तंजस्-शरीर का देश बन्धक जीव, औदारिकशरीर का बन्धक है या अबन्धक ?
१०४ उत्तर - हे गौतम ! वह बन्धक भी है और अबन्धक भी ।
१०५ प्रश्न - हे भगवन् ! यदि वह औदारिक-शरीर का बंधक है, तो देश -बंधक है या सर्व-बंधक ?
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१०५ उत्तर - हे गौतम ! वह देशबंधक भी है और सर्वबंधक भी । १०६ प्रश्न-हे भगवन् ! तेजस्- शरीर का बंधक जीव, वक्रिय- शरीर
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