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________________ भगवती सूत्र - श. ८ उ. ९ तैजस् शरीर प्रयोग बंध ७० प्रश्न - तेयासरीरप्पओगवन्धे णं भंते ! किं देसबन्धे, सव्व बन्धे ? ७० उत्तर - गोयमा ! देसवन्धे, णो सव्वबन्धे । ७१ प्रश्न - तेयासरीरप्पओगबन्धे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं १५१७ होइ ? ७१ उत्तर - गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा - अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपज्जवसिए । ७२ प्रश्न - तेयासरीरप्पओगबन्धंतरं णं भंते! कालओ केवच्चिरं होइ ? ७२ उत्तर - गोयमा ! अणाइयस्स अपज्जवसियरस णत्थि अंतरं अणाsयस्त सपज्जवलियम्स णत्थि अंतरं । ७३ प्रश्न - एएसि णं भंते ! जीवाणं तेयासरीरस्स देसबन्धयाणं, अबन्धगाण य करे करेहिंतों जाव विसेसाहिया वा ? ७३ उत्तर - गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा तेयासरीरस्स अबन्धगा, देसवन्धगा, अनंतगुणा । भावार्थ - ७० प्रश्न - हे भगवन् ! तेजस्शरीर प्रयोग-बन्ध क्या देशबन्ध होता है, या सर्व-बन्ध होता है ? Jain Education International ७० उत्तर - हे गौतम ! यह देश बन्ध होता है, सर्व-बन्ध नहीं होता । ७१ प्रश्न - हे भगवन् ! तैजसशरीर प्रयोग-बन्ध कितने काल तक रहता है ? ७१ उत्तर - हे गौतम ! तंजस्शरीर प्रयोग बन्ध दो प्रकार का कहा For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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