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________________ बगगती सूत्र-श.. ८ उ ९ शरीर प्रयोग बंध १५०३ : ४८ उत्तर-हे गौतम ! सर्वबंध जघन्य एक समय और उत्कृष्ट दो समय तक और देशबंध जघन्य एक समय और उत्कृष्ट एक समय कम तेतीस सागरोपम तक रहता है। ४९ प्रश्न-हे भगवन् ! वायुकायिक एकेन्द्रिय वक्रियशरीर प्रयोगबंध कितने काल तक रहता है ? __४९ उत्तर-हे गौतम ! सर्व-बध एक समय तक और देश-बंध जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त तक रहता है। ५० प्रश्न-रयणप्पभापुढविणेरड्य पुच्छा । ५० उत्तर-गोयमा ! सव्वबंधे एक्कं समयं, देसबंधे जहण्णेणं दसवाससहस्साई तिसमयऊणाई, उनकोसेणं सागरोवमं समयऊणं, एवं जाव अहे सत्तमा, णवरं देसबंधे जस्स जा जहणिया ठिई सा तिसमयऊणा कायव्वा, जाव उक्कोमिया सा समयऊणा । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साण य जहा वाउकाइयाणं, असुरकुमारणागकुमार० जाव अणुत्तरोववाइयाणं जहा णेरइयाणं; णवरं जरस जाठिई सा भाणियब्वा, जाव अणुतरोववाइयाणं सव्ववंधे एक्कं समयं, देसबंधे जहण्णेणं एक्कतीमं सागरोवमाइं तिसमयऊणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं समयऊणाई। - ५१ प्रश्न-वेउब्वियसरीरप्पओगवंधतरं णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होई। ५१ उत्तर-गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहण्णेणं एक्कं समयं, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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