SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 380
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवती सूत्र - श. ८ उ. ८ ऐर्यापथिक और साम्परायिक वन्ध बंधिस्स ? १९ उत्तर - गोयमा ! १ अत्येगइए बंधी बंधड़ बंधिस्सह, २ अत्थेगइए बंधी बंध ण बंधिस्सर, ३ अत्थेगइए बंधी ण बंधइ afras ४ अत्थेiइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सह । २० प्रश्न- तं भंते! किं साइयं सपज्जवसियं बंधड़ १ पुच्छा तव । २० उत्तर - गोयमा ! साइयं वा सपज्जवसियं बंधड़, अणाइयं वा सपज्जवसियं वंधइ, अणाइयं वा अपज्जवसियं बंधइ, णो चेव णं सायं अपज्जवसियं बंध | २१ प्रश्न- तं भंते! किं देसेणं देसं बंधन ? २१ उत्तर - एवं जहेव इरियावहियाबंधगस्स, जाव सव्वेणं सव्वं बंधइ । १४४३ भावार्थ- - १६ प्रश्न - हे भगवन् ! साम्परायिक कर्म नैरयिक बाँधता है, तिर्यञ्च बांधता है, तियंचणी बांधती है, मनुष्य बांधता है, मनुष्यणी बांधती है, देव बांधता है, या देवी बांधती है ? १६ उत्तर - हे गौतम! नैरथिक भी बांधता है, तिथंच भी बांधता है, तियंचिनी भी बांधती है, मनुष्य भी बांधता है, मानुषी भी बांधती है, देव भी बांधता है और देवी भी बांधती है । Jain Education International १७ प्रश्न - हे भगवन् ! साम्परायिक कर्म क्या स्त्री बांधती है, पुरुष बांधता है, यावत् नोस्त्री-नोपुरुष - नोनपुंसक बांधता है ? १७ उत्तर - हे गौतम ! स्त्री भी बांधती है, पुरुष भी बांधता है, नपुंसक For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy