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भयवती सूत्र-श. ८ उ. ८ व्यवहार के भेद .
व्यवहार के भेद
७ प्रश्न-कइविहे णं भंते ! ववहारे पण्णते ?
७ उत्तर-गोयमा ! पंचविहे ववहारे पण्णत्ते, तं जहा-आगमे, सुयं, आणा, धारणा, जीए । जहा से तत्य आगमे सिया आगमेणं ववहार पट्टवेजा; णो य से तत्य आगम मिया, जहा मे तत्थ सुए सिया, सुएणं ववहारं पट्टवेजा णो य मे नत्य मुए सिया, जहा मे तत्थ आणा सिया, आणाए ववहारं पट्टवेबा; णो य से तत्थ आणा सिया, जहा से तत्थ धारणा मिया, धारणाए ववहार पट्टवेजा; णो य से तत्थ धारणा सिया; जहा से तत्य जीए मिया, जीएणं ववहारं पट्टवेजा, इच्चेएहिं पंचहिं ववहार पट्टवेबा; जहा-आगमणं, मुएणं आणाए, धारणाए, जीएणं; जहा जहा मे आगमे सुए आणा धारणा जीए तहा तहा ववहार पट्टवेजा।
८ प्रश्न-से किमाहु भंते ! आगमवलिया समणा णिग्गंथा ?
८ उत्तर-इच्चेयं पंचविहं ववहारं जया जया जहिं जहिं तया तया तहिं तहिं अणिस्सिओवसियं सम्मं ववहरमाणे समणे णिग्गंथे आणाए आराहए भवइ।
कठिन शम्दार्थ-बहारे-व्यवहार(प्रवृत्ति), पटुवेज्जा-प्रवृत्ति करे, आगमबलियाविशेप बलवान जानी (आगम के बल बारे) इएहि-इस प्रकार, जया जया-जब जव, जहि जहि-जहाँ जहाँ, तया तया तहिं ताहि-तब तब वहाँ वहाँ, अनिस्सिमोवसियं
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