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भगवती मूत्र-श. ८ उ. ६ क्रिया
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प्रकार यावत् वैमानिक देवों तक जानना चाहिये । परन्तु मनुष्य का कथन औधिक जीव की तरह जानना चाहिये। .
२० प्रश्न-हे भगवन् ! एक जीव बहुत औदारिक शरीरों की अपेक्षा कितनी क्रिया वाला होता है ?
२० उत्तर-हे गौतम ! कदाचित तीन क्रिया वाला, कदाचित् चार क्रिया वाला और कदाचित् पांच क्रिया वाला होता है । तथा कदाचित् अक्रिय (क्रिया रहित) भी होता है । - २१ प्रश्न-हे भगवन् ! एक नरयिक जीव, दूसरे जीवों के औदारिक शरीरों की अपेक्षा कितनी क्रिया वाला होता है ?
. २१ उत्तर-हे गौतम ! जिस प्रकार प्रथम दण्डक (सूत्र १८ में) कहा गया है, उसी प्रकार सभी दण्डक कहना चाहिये, यावत् वैमानिक पर्यन्त कहना चाहिये । परन्तु मनुष्यों का कथन औधिक जीवों की तरह जानना चाहिये।
२२ प्रश्न-जीवा णं भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिया ? २२ उत्तर-गोयमा ! सिय तिकिरिया, जाव सिय अकिरिया । २३ प्रश्न-णेरइया णं भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिया ?
२३ उत्तर-एवं एसो वि जहा पढमो दंडओ तहा भाणियव्वो, जाव वेमाणिया, णवरं मणुस्सा जहा जीवा ।
२४ प्रश्न-जीवा णं भंते ! ओरालियसरीरेहिंतो कइकिरिया ?
२४ उत्तर-गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि, अकिरिया वि। __२५ प्रश्न-णेरइया णं भंते ! ओरालियसरीरेहितो कइकिरिया ?
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