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भगवती सूत्र-श. ८ उ. ६ क्रियाएँ कितनी हैं ?
२५ उत्तर-गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि । एवं जाव वेमाणिया, णवरं मणुस्सा जहा जीवा ।
भावार्थ-२२ प्रश्न-हे भगवन् ! बहुत से जीव, एक औदारिक शरीर की अपेक्षा कितनी क्रिया वाले होते हैं ?
२२ उतर-हे गौतम ! कदाचित् तीन क्रिया वाले, कदाचित् चार क्रिया वाले और कदाचित् पांच क्रिया वाले होते है, तथा कदाचित् अक्रिय होते हैं।
२३ प्रश्न-हे भगवन ! बहुत से नरयिक जीव, दूसरे के एक औदारिक शरीर की अपेक्षा कितनी क्रिया वाले होते हैं ?
२३ उत्तर-हे गौतम ! जिस प्रकार प्रथम दण्डक (सूत्र १८) कहा, उसी प्रकार यावत् वैमानिक पर्यन्त कहना चाहिये । परन्तु मनुष्यों का कथन औधिक जीवों की तरह कहना चाहिये।
२४ प्रश्न-हे भगवन् ! बहुत जीव, बहुत औदारिक शरीरों की अपेक्षा कितनी क्रिया वाले होते हैं ? . २४ उत्तर-हे गौतम ! तीन क्रिया वाले भी, चार क्रिया वाले भी और पांच क्रिया वाले भी होते हैं तथा अक्रिय भी होते है।
२५ प्रश्न-हे भगवन् ! बहुत नरयिक जीव, दूसरे जीवों के औदारिक शरीरों की अपेक्षा कितनी क्रिया वाले होते हैं ?
२५ उत्तर-हे गौतम ! तीन क्रिया वाले भी चार क्रिया वाले भी और पांच क्रिया वाले भी होते हैं। इस प्रकार यावत् वैमानिक पर्यन्त जानना चाहिये। परन्तु मनुष्यों का कथन इसी के औधिक जीवों की तरह जानना चाहिये।
२६ प्रश्न-जीवे णं भंते ! वेउब्वियसरीराओ कइकिरिए ?
२६ उत्तर-गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय अकिरिए।
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