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भगवती सूत्र - श. ८ उ. ६ क्रियाएँ कितनी लगती हैं ?
नहीं जलता, परन्तु ज्योति ( दीपशिखा ) जलती है ।
१६ प्रश्न - हे भगवन् ! जलते हुए घर में क्या जलता है ? क्या घर जलता है, भींत जलती है, टट्टी (खसखस आदि की टाटो या पतली दीवार) जलती है, धारण ( मुख्य स्तम्भ) जलता है, बलहरण ( मुख्य स्तम्भ के ऊपर रहनेवाली लकडी - लम्बा काष्ठ) जलता है, क्या बांस जलते हैं, मल्ल ( भींत के आधार भूत स्तम्भ ) जलते हैं, वर्ग ( बांस आदि के बन्धनभूत छाल) जलते हैं, छित्वर ( बांस आदि को ढकने के लिये डाली हुई चटाई) जलते हैं, छादन ( दर्भादि युक्त पटल) जलता है, या अग्नि जलती है ?
१६ उत्तर - हे गौतम ! घर नहीं जलता, भींत नहीं जलती, यावत् छादन नहीं जलता, किन्तु अग्नि जलती है ।
विवेचन – यहां दीप और घर का उदाहरण देकर यह बतलाया गया है कि जलते हुए दीप में दीपशिखा जलती है और जलते हुए घर में घर, भींत आदि नहीं जलते, किन्तु अग्नि जलती है ।
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क्रियाएँ कितनी लगती हैं ?
१७ प्रश्न - जीवे णं भंते ! ओरालियस राओ कइ किरिए ? १७ उत्तर - गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंच किरिए, सिय अकिरिए ।
१८ प्रश्न - णेरइए णं भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिए ? १८ उत्तर - गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकरिए ।
१९ प्रश्न - असुरकुमारे णं भंते ! ओरालियसरीराओ कह
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